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॥ हाय मुरली वाले घनश्याम, मेरे घर बांसुरी बजाये जइयो रे ॥--(२), (१)-(टेक)
(1). ॥ नीत-नीत बृज में रास रचावें, मोहें क्यूँ तड़पावे रे ॥
॥ सखियों के संग करे ठिठोली, मुझसे दूर क्यूँ भागे रे ॥
॥ हाय मुरली वाले घनश्याम, घर आके माखन खाये जइयो रे ॥
॥ हाय मुरली वाले घनश्याम, मेरे घर बांसुरी बजाये जइयो रे ॥
(2). ॥ कब से श्यामा बाट निहारुँ, तरस रहे हैं मेरे नैना ॥
॥ जब तक तुम्हरी दर्श ना पाऊँ, पाऊँगी मैं ना चैना ॥
॥ हाय मुरली वाले घनश्याम, नैऩों की प्यास बूझाये जइयो रे ॥
॥ हाय मुरली वाले घनश्याम, मेरे घर बांसुरी बजाये रे ॥
(3). ॥ लगता हैं मोरे कान्हा, राधे के बिन ना तुम आओगे ॥
॥ जब तक राधे नाम ना गाऊँ, मुरली नहीं बजाओगे ॥
॥ हाय मुरली वाले घनश्याम, राधे संग रास रचाये जइयो रे ॥
॥ हाय मुरली वाले घनश्याम, मेरे घर बांसुरी बजाये जइयो रे ॥
(4). ॥ फूलों का दरबार ओ श्यामा, हमने तेरा सजाया हैं ॥
॥ नजर ना लग जाये तुझको, ऐसा श्रृंगार कराया हैं ॥
॥ हाय मुरळी वाले घनश्याम, अपने ही रंग लगाये जइयो रे ॥
॥ हाय मुरली वाले घनश्याम, मेरे घर बांसुरी बजाये जइयो रे ॥
Category:Shree Krishna BhajansPosted ByRajकुमार देशMukh (संपादक), On 22-08-2017, TuesDay. @Morning 07:45 AM (GMT+5:30) India Time Zone.
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Rajकुमार देशMukh (संपादक)